संदेश
फिर भी मुस्कुरा दिया - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
ग़म थे ज़माने भर के, फिर भी मुस्कुरा दिया। फूल होने का, फ़र्ज़ अदा किया। काग़ज़ और पैन का, समझोता टूटा। लिखता वो, काग़ज़ की नापसन्दगी का। चलती…
गहरी उदासी - कविता - प्रवीन 'पथिक'
तूफ़ान के थपेड़ों के बीच, फँसी मेरी ज़िंदगी! चाहती है आज़ादी; ताकि विचर सके स्वच्छंद आकाश में। बादलों के पीछे, जहाॅं कोई देख न सके। वाग…
अच्छे दिन - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
आने वाला अब नया साल है, लो बीत गया दिसम्बर है। न उसको मेरी कोई ख़बर, न उसकी मुझको कोई ख़बर है। मौन अधर और खुले नयन, कैसे हो बिन नींद शयन…
ग़म छुपाते रहे मुस्कुराते रहे - ग़ज़ल - डॉ॰ एल॰ सी॰ जैदिया 'जैदि'
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती : 212 212 212 212 ग़म छुपाते रहे मुस्कुराते रहे, दिल फिर भी हम लगाते रहे। हमारी ये दिवानगी …
विरह - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
विरह के इस घड़ी में, रो-रो कर मैं जीता हूँ, याद तेरी जब आती है, अश्रु विष पीता हूँ। याद तेरी जब आती हैं, हृदय में पीड़ा होती है, …
दर्द-ए-नौकरी - कविता - ऋचा तिवारी
हर रोज़ की मुश्किल ये भी है, ये दर्द किसे बतलाए हम। एक मासूम से दिल को कैसे, रोज़ भला बहलाए हम। घर से निकले जब, जानें को, वो हाथ पकड़, य…
दर्द-ए-दिल किस को सुनाऊँ मैं - ग़ज़ल - एल॰ सी॰ जैदिया 'जैदि'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ा तक़ती : 2122 2122 2 दर्दे-ए-दिल किस को सुनाऊँ मैं, गुज़र रहे है दिन कैसे बताऊँ मैं। तन्हाइयों से तंग आ …