संदेश
मानसिक ग़ुलामी - आलेख - अभिषेक शुक्ल
स्वतंत्रता का मतलब केवल दासता की बेड़ियाँ तोड़ना ही नहीं अपितु जो हमारे विचार पाखंड की ज़ंजीरों से जकड़े हुए हैं, उनसे मुक्त होना भी है…
जश्न-ए-आज़ादी - कविता - आर॰ सी॰ यादव | आज़ादी पर कविता
दिल में हो जश्न-ए-आज़ादी कर में हो ध्वजा तिरंगा हो। सिर पर हो कफ़न केसरिया मन में पावन माँ गंगा हो॥ मन में जन-गण-मन का नारा दिल में वंद…
हमें मिली आज़ादी थी - कविता - अनुज
आधी रात को सुनाई दी वो गूँज ढोल और ताँशे की थी, आधी रात को चमका था सूरज क्योंकि हमें मिली आज़ादी थी। सोने की चिड़िया ने आज लोहे की ज़ंज…
आज़ादी - कविता - विनय विश्वा
हम कितने आज़ाद हुए ओ हिंद के वासी हम कितने आज़ाद हुए? भाषा से बोली से जाति से कर्म से रिस्तों से नातों से मतलब हम आज़ाद हुए हैं की अपने क…
आज़ादी हमको मिली - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | स्वतंत्रता दिवस पर दोहे
सावन मनभावन सरस, सुरभित हवा प्रवाह। बलिदानों की याद बन, आज़ादी उत्साह॥ आज शहीदों को नमन, त्याग तपस्या मंत्र। आज़ादी हमको मिली, सार्वभौम …
आज़ादी का त्यौहार - बाल कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा | स्वतंत्रता दिवस पर बाल कविता
तीन रंग से बना तिरंगा, आज इसे फहराएँगे। 'जन गण मन अधिनायक' सारे बच्चे मिलकर गाएँगे॥ भारत की है शान तिरंगा, हम सबकी है जान तिरं…
आज़ादी की गाथा - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
स्वतंत्रता के सूरज की, रश्मियाँ बिखरी हैं चहुँओर, वीरों के बलिदान से सजी, ये धरती गाती है गीत और। लहू से रंगी थी ये धरती, कभी धुएँ से …
स्वतंत्रता दिवस पर कविताएँ | Independence Day Poems in Hindi
15 अगस्त 1947 (कविता) - सुमित्रानंदन पंत चिर प्रणम्य यह पुण्य अहन्, जय गाओ सुरगण, आज अवतरित हुई चेतना भू पर नूतन! नव भारत, फिर चीर युग…
स्वतंत्रता दिवस पर 10 लोकप्रिय शेर | 15 अगस्त के अवसर पर पढ़िए लोकप्रिय शायरों के देशभक्ति शेर
'स्वतंत्रता दिवस' यह वह दिन है जब हम अपनी आज़ादी के संघर्ष की याद में उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं जिन्होंने अप…
आज़ादी का ये उपहार - कविता - राज कुमार कौंडल | स्वतंत्रता दिवस पर कविता
15 अगस्त 1947 का दिन था बहुत महान, स्वधीनता की फ़िज़ा में गा रहा था हिन्दोस्तान। सब भारतवासियों का पूरा हुआ अरमान, यूनियन जैक हुआ गुम, त…
आज़ादी - नज़्म - फ़िराक़ गोरखपुरी | स्वंत्रता दिवस पर नज़्म
मिरी सदा है गुल-ए-शम्-ए-शाम-ए-आज़ादी सुना रहा हूँ दिलों को पयाम आज़ादी लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज…
आज़ादी - मुक्तक - इन्द्र प्रसाद
गगन साक्षी शहीदों का मिली कैसे है आज़ादी। चूम फंदे लिए हंँसकर बढ़ाकर बाँह फौलादी। वतन की यज्ञशाला में बनाया हव्य शीशों का, शहीदों के अथक…
मैं भारत की स्वतंत्रता हूँ - कविता - राघवेंद्र सिंह
मैं विमुक्त, नव दिनकर जैसी, मैं भारत की स्वतंत्रता हूँ। नवल दिवस, नव उद्घोषित रव, सप्त सरित की पवित्रता हूँ। मुझमें जन-जन शुभेषणा है,…
पन्द्रह अगस्त - त्रिभंगी छंद - संजय राजभर 'समित'
आ जोड़ ले हस्त, पन्द्रह अगस्त, शुभ दिन अपना, आया है। स्वतंत्रता का दिन, शहीद अनगिन, तब जाकर यह, पाया है। ऑंखें भर आती, याद दिलाती,…
यह जो स्वतंत्रता दिवस है - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
यह जो स्वतंत्रता दिवस है। कितने जीवन भूनने पर, और कितने घर फूँकने पर, दृशित यह वरदान हुआ। सुभाष की आशा का, बिस्मिल की भाषा का। गुंजित …
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