संदेश
ज़िंदगी इक खेल है - कविता - इन्द्र प्रसाद
ज़िंदगी इक खेल है अनुपम खिलौना चाहिए। सुख यहाँ पर हो न हो पर दुख होना चाहिए॥ फूल भी हैं शूल भी जीवन सरीखे बाग़ में, हम उन्हीं के मध्य जी…
सन्नाटे का शोर - कविता - रतन कुमार अगरवाला
मध्यम हो रहा शाम को सूरज, पसर रहा अंधियारा सनैः सनैः, हो रही एक अजीब सी शांति, जंगल चारो ओर घने-घने। पेड़ करे गूँज सायं सायं, सन्नाटे …
दुःख - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
दुःख तेरा एहसान है कि सुख का एहसास करा देता है, व्यथा ही एक ऐसी विधा है, जो ईश्वर को याद दिला देता है। अगर विपत्ति न हो तो अपनों की प…
दिन वही है - कविता - राम प्रसाद आर्य "रमेश"
मग्न कोई कहीं जन्म दिन के जश्न में है, कहीं कोइ रंज निमग्न, मरन दिन के। दिन वही है, देन है बस भिन्न-भिन्न, सुख-बारिश कहीं, कहीं दुख-ब…
जीवन सुख दुख का गुलदस्ता - ग़ज़ल - मंजु यादव 'ग्रामीण'
बीते दर्द, छुपाकर देखे, ज़ख्म सभी, सहलाकर देखे। खुशियों की, कलियाँ खिल आईं, ग़म की धूप, नहाकर देखे। खोटा सिक्का भी, सोने सा, कोई उसे, तप…
सुख दुख - दोहा छंद - कवि संत कुमार "सारथि"
सुख दुख जीवन रीत है, जैसे हो दिन रात। गरमी, शरद बसंत है, चौथी है बरसात।।१।। सुख दुख जीवन में सदा, चलता हरदम संग। कभी निराशा मत रखो, रख…
समदर्शी - कविता - प्रवीन "पथिक"
सुख दुःख क्या? मन के विकल्प! इसी विचार से, कायाकल्प। समभाव रहे, जिसका मन। पाते रहे सुख, निज जीवन। रहे सदा खुश, अपना तन मन; आई कहती, ये…
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर