संदेश
प्रिय संविधान पढ़ लेना तुम - कविता - रमाकान्त चौधरी
भारत में कैसे रहना है, कैसे कब क्या कहना है, ज़ुल्म भला क्यों सहना है, हक़ के लिए लड़ लेना तुम। प्रिय संविधान पढ़ लेना तुम॥ राष्ट्र क…
संविधान दे के गया कोई - कविता - सुनील खेड़ीवाल
ये ज़ीस्त-ए-अंदाज़-ओ-गुफ़्तगू, ये जीने का असरार-ओ-सलीक़ा देके गया कोई। अहसान कैसे चुकाऊँ मैं उस शख़्सियत का, बदतर ज़िंदगी से उबारने को संविध…
महापुरुषों को सलाम - कविता - प्रीति बौद्ध
लिख दिया जिसने स्वर्णिम भविष्य हमारा बाबा साहब की उस कलम को सलाम। दी आजादी हमें अधिकारों के लड़ने की उस संविधान को करते हम सदा सलाम…
संविधान - कविता - पुनेश समदर्शी
जब भारत को बाबा भीम ने संविधान दे दिया, बहुजन, शोषित, पीड़ितों को सम्मान दे दिया। घूमते थे, जो भूखे-नंगे, कमर में झाड़ू, गले में हां…
भारतीय संविधान दर्शन एवं आदर्श - आलेख - शैलेष मेघवाल
स्वतंत्रता, समता, बंधुता, न्याय, विधि का शासन, विधि के समक्ष समानता, लोकतांत्रिक प्रक्रिया और धर्म, जाति, लिंग और अन्य किसी भेदभाव के …
बाबा आंबेडकर महान - कविता - गणपत लाल उदय
जान है तो जहान है बाबा आंबेडकर महान है। हमको इन पर गर्व है दिया हमें संविधान है।। बाबा की खूबी तो देखो इतनी डिग्री किसी के पास नह…
मैं भारत का संविधान हूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
संविधान सभा के अथक प्रयासों से , मैं विश्व के विधानों का वितान हूँ । अच्छे शासन संचालन का ताना बाना , मैं भारत का संविधान हूँ । सं…