संदेश
मेरा दुःख मेरा दीपक है - कविता - गोलेन्द्र पटेल
जब मैं अपने माँ के गर्भ में था वह ढोती रही ईंट जब मेरा जन्म हुआ वह ढोती रही ईंट जब मैं दुधमुँहा शिशु था वह अपनी पीठ पर मुझे और सर पर …
मिहनत की किलकारियाॅं - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
उषाकाल खिलती किरण, ख़ुशियाँ ले भू धाम। मिहनत की किलकारियाॅं, प्रकृति हॅंसी अभिराम॥ फैली चहुँ दिस लालिमा, नव प्रभात अरुणाभ। उद्योगी म…
मेहनतकशों की पुकार - गीत - श्याम सुन्दर अग्रवाल
भैया रेऽऽऽऽऽऽ भैया रे हल ना रुके, रुके ना हँसिया रेऽऽऽ, भैया रे। रूठ जाए मेघा तो रुठ जाने देना डूब जाएँ तारे तो डूब जाने देना बूँद से …
पुत्र का संदेश - गीत - अभिनव मिश्र 'अदम्य'
ओ चतुर कागा! हमारे गाँव जाना। पुत्र का संदेश उस माँ को सुनाना। मातु से कहना कि उसका सुत कुशल है, याद वो करता उन्हें हर एक पल है। छोड़ द…
निराला जी की मज़दूरिन - कविता - रमाकान्त चौधरी
कितनी ही सड़कों पर बिछा उसका पसीना है, मगर क़िस्मत में उसकी आँसुओं के संग जीना है। किन-किन पथों पर उसने कितना पत्थर तोड़ा है, मेहनत से…
रिक्शेवाला - कविता - आदेश आर्य 'बसंत'
मैं रिक्शेवाला, खड़ा टकटकी देख रहा, नित सड़क पर आने-जाने वालों को। हूँ करता सम्मान सभी का, अपनी रोजी-रोटी कमाने को। कुछ देख कर मुझक…
श्रम की अद्भुत मिसाल किसान - कविता - अर्चना कोहली
श्रम की अद्भुत मिसाल किसान कहलाते हैं, निर्धन-धनी सभी की क्षुधा शांत करते है। जी-तोड़ मेहनत कर ख़ुशहाली धरा पर लाते, फिर भी अधिकतर ही अ…