संदेश
नया आँचल नई मुस्कान - कविता - विजय कुमार सिन्हा
कलाइयों में भरी हुई चूड़ियाँ पाँवों में पाज़ेब ललाट पर बड़ी सी बिंदिया माँग में सिंदूर बदन पे भरे हुए आभूषण माँ-पापा के द्वारा पसंद…
एहसास - कहानी - आशीष कुमार
मल्होत्रा परिवार की लाडली पद्मिनी उर्फ़ पम्मी ख़ुश-मिज़ाज लड़की थी। सुंदरता ऐसी की चाँद भी शरमा जाए। गोल मटोल मासूम सा चेहरा। आँखों से जै…
दुल्हन - कविता - नृपेंद्र शर्मा 'सागर'
मेहँदी भरे हाथ और किए सोलह शृंगार, मन में उथल पुथल कि जाने कैसा होगा ससुराल। नाज़ुक मन है, नाज़ुक तन है, और है दिल में भाव अपार, क्या सा…
बिदाई : एक पिता का दर्द - कविता - जॉयस जया रौनियार
नन्ही सी बगिया का फूल आज होके चली पराई, देख पिता कि मन और आँख भर आई, पर होठो पे बस मुस्कान ही दिखाई। जिन्हें हाथो से पालने को इतने ध्य…
मुक़द्दस घड़ी हैं 17 - कविता - कर्मवीर सिरोवा
सर्द हवा का सुरूर, धनक की ये ग़ज़ब पैहन छाई हैं, आँखों में चमक लबों पे गीत वाह क्या बहार आई हैं। मिरे तसब्बुरात में जो तितली उड़ रही थी …
शादी या सौदा - कहानी - गुड़िया सिंह
आज रश्मि को देखने लड़के वाले आ रहे थे, घर मे सुबह से ही उनके स्वागत की तैयारियाँ चल रही थी। मम्मी ने बताया कि बेटा जल्दी से तैयार हो जा…
बाल विवाह: एक अभिशाप - कविता - शैलजा शर्मा
नारी अपने आईने को, ना बनने देना ख़ुद जैसा। जो होता रहा साथ तेरे, ना होने देना अब वैसा।। ना बनने दो उसको कठपुतली, तुम काजल बिंदी तिलक लग…