शादी या सौदा - कहानी - गुड़िया सिंह

आज रश्मि को देखने लड़के वाले आ रहे थे, घर मे सुबह से ही उनके स्वागत की तैयारियाँ चल रही थी। मम्मी ने बताया कि बेटा जल्दी से तैयार हो जाओ, वो लोग बस कुछ ही देर में पहुँचने वाले है।
रश्मि के पिता फ़ौज से रिटायर्ड हो चुके थे तो उन्होंने रश्मि के लिए भी आर्मी लड़का ही पसंद किया था।

कुछ ही देर में बाहर से गाड़ी की हॉर्न सुनाई दी और मम्मी ने आकर बताया कि वो लोग आ गए, फिर पापा के साथ घर मे घुसते हुए कुछ लोगो की आवाज़ें सुनाई देने लगी। लगभग दस मिनट बाद मम्मी कमरे में आई और बोली- चलो बेटा, तुम्हे बाहर बुला रहे है।
रश्मि मम्मी के साथ हॉल की तरफ़ बढ़ी, जहा लड़के वाले बैठे थे। रश्मि आकर एक किनारे खड़ी हो गई। तभी पापा की आवाज़ सुनाई पड़ी- देखिए ये है मेरी बेटी कुछ पूछना हो तो पूछ लीजिए, हमारी बिटियां सर्वगुणी है।
रश्मि ने धीरे से नज़र उठा कर देखा तो तीन लोग आए हुए थे, लड़के के माता-पिता और स्वयं लड़का। सभी लोग पापा के बातों के जवाब में मुस्कुरा रहे थे, फिर कुछ सवाल लड़के की माता के द्वारा पूछा गया। घर के काम-काज कर लेती हो न बेटी, सिलाई-बुनाई आता है कि नहीं जैसे कई सवाल। फिर कुछ देर उनका अपने परिवार के साथ खुसुर-फुसुर होने के बाद यह बताया गया कि हमे लड़की पसंद है। लड़के की माँ ने कहा- जाओ बेटा तुम आराम करो!
फिर खाने पीने का प्रोग्राम शुरू हुआ और बीच-बीच मे सभी की हँसी भी गूँजती रही, अचानक रश्मि के कानों से लड़के के पिता की आवाज़ टकराई "अच्छा तो भाई साहब अब सब कुछ अच्छा हो ही गया, अगर देन लेंन कि भी बात हो जाती तो सब फाइनल हो जाता"
पाप ने कहा- हाँ जी ज़रूर मैं भी यह चाहता था, तो आपलोग बताए।
फिर लड़के की माँ के स्वर सुनाई पड़े "वैसे तो हमे किसी बात की कोई कमी नही है, बस समाज मे दिखाने के लिए यह लेन-देन ज़रूरी हो जाता है, अब अगर दहेज में हैसियत के मुताबिक़ कुछ नही मिलता तो लोग तरह-तरह की बाते करने लगते है"
इस बात पर भी पापा ने हामी भरी और फिर शुरू हुआ लड़के के माता-पिता की तरफ़ से डिमांड का प्रोग्राम
जिसमे 10 लाख नगद समेत एक फोर विलर गाड़ी, गोल्डन जेवर, एसी, कूलर, फ्रिज, वाशिंग मशीन, टीवी, सोफा जैसी अनेक चीज़ें और फिर रिश्ते पर तय की मुहर लगा दी गई।
सभी ने मुँह मीठा किया। सारी बाते हो जाने के बाद लड़के वालों ने जाने की इच्छा जताई। मम्मी-पापा ने कपड़े पैसे देकर उन्हें विदाई दी। उनके चले जाने के बाद रश्मि की माँ रश्मि के कमरे में आई और उसे गले लगा लिया और बोली- भगवान की कृपा है कि सब कुछ अच्छे से हो गया बेटा और तुम्हारी शादी तय हो गई।
रश्मि जो सुबह से ही ख़ामोश थी, उसके मुख से अचानक ही निकला "मम्मी! शादी या सौदा"
मम्मी अवाक हो उसे कुछ देर तक देखती रही और दोनों के ही आँखों से आँसू की कुछ बुँदे टपक पड़ी।

गुड़िया सिंह - भोजपुर, आरा (बिहार)

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