संदेश
मजदूर इन लॉकडाउन - कविता - हेमेंद्र वर्मा
हाँ मैं मजदूर हूँ, पर अभी मैं मजबूर हूँ निकल पड़ा हूँ सड़कों पर पत्नी, बच्चे और हाथों में कुछ सामान लिये पता है लॉकडाऊन है, पर क्या…
लॉक डाउन की चुनौतियां ही भविष्य की उम्मीद हैं , इनसे बहुत कुछ सीखा है - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जानलेवा वायरस से पूरी दुनिया ने काफी कुछ सीखा है ।इस वायरस ने दुनिया को भविष्य में आने वाले संकट से वर्तमान में ही तैयारी करने की ज…
कोरोना वायरस ने लॉक डाउन में लेखन को एक नया आयाम दिया है - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कोविड-19 के चलते लोग घरों में रहकर पॉजिटिव बने रहने के लिए अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं ,ऐसे में वक्त की नजाकत को देखते ह…
पितृ भक्ति - कविता - रूपेश कुमार
आजकल चर्चा में है एक नाम ज्योति कुमारी है जिसका नाम कर दिया उसने ऐसा काम बन गई उसकी नई पहचान देश विदेश में हो रहा गुणगान जिसे द…
हमने घर में रहना ठाना है - कविता - राजू शर्मा
तुम्हारा जन्म हुआ है चीन के वुहान में कोहराम मचा रखा है, पूरे संसार में तुम्हारा जो उद्देश्य है, हर व्यक्ति को बी…
लॉक डाउन में राहत सरकार ने दी है कोरोना ने नहीं - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
यह बात सभी को याद रखना चाहिए कि लॉक डाउन में राहत होने से बिल्कुल लापरवाही पूरी तरह बढ़ गई है तो यह लापरवाही का सौदा कहीं महंगा …
लॉक डाउन 4 से जनता को सरकार से काफी कुछ उम्मीदें हैं - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
यह लॉक डाउन 4 एक नयी रूपरेखा के साथ 18 मई को आ रहा है । एक तरफ लोग कोरोना महामारी से डर रहे हैं दूसरी ओर बुनियादी सुविधाएं उपलब्…