लॉक डाउन में राहत सरकार ने दी है कोरोना ने नहीं - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला

यह  बात सभी को याद रखना चाहिए कि लॉक डाउन  में राहत होने से बिल्कुल लापरवाही  पूरी तरह बढ़ गई है तो यह लापरवाही का सौदा कहीं महंगा ना पड़ जाए।लॉक डाउन  में ढील होने से लोग सड़कों पर बेवजह टहलने लगे हैं, बिना अनुमति सड़कों पर ई रिक्शे दौड़ने लगे हैं ,और शारीरिक  दूरी का भी पालन नहीं हो रहा, जबकि लॉक डाउन 4 में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सार्वजनिक वाहनों के संचालन पर रोक लगी है। लाक डाउन 4 शुरू होने के साथ ही प्रशासन ने कुछ छूट भी जारी की है ,इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना का संक्रमण थम गया है। दिन होते ही लोग अपनी डफली अपना राग की तर्ज पर चलने लगे हैं । नतीजा यह है कि जो जिले ग्रीन जोन में थे वहां कोरोना  ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए। लापरवाही मंहगी पड़  सकती है । यह चिंता सड़क पर बढ़ रही भीड़ को देखकर सता रही है ।

लोग छोटी-मोटी जरूरतों के लिए दोपहिया और चौपहिया वाहनों को लेकर बाजार जा रहे हैं । यह स्थिति तब है जब तेजी से रोजाना  ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं ।यहां तक कि लोग बिना कार्य के भी घूमने लगे हैं । सड़कों पर चार पहिया वाहनों का दबाव बढ़ गया है ।बैंक, डाकघर ,सब्जी खरीदने के बहाने एवं अनावश्यक रूप से   भी लोग बाहर निकलने लगे हैं । आलम यह है कि दूसरों की देखा देखी लोग बाहर निकलने लगे हैं। इसका नतीजा है कि पुलिसकर्मियों को और अधिक मशक्कत करनी पड़ रही है ।

लोगों मे ठहरी हुई जिंदगी को शुरू करने की होड़ सी लगी हुई है । आज का आंकड़ा एक लाख बारह हजार को पार कर चुका है ।उधर शराब की दुकाने खुलते ही  भयानक भीड़ दिखी ,तो प्रवासी श्रमिक ,पर्यटक ,छात्र  आदि को घर पहुचाने के लिये स्पेशल श्रमिक ट्रेने ,बस  आदि चलाये जा रहे है उनमे  शारीरिक दूरियों का पालन नही हो रहा ।

इतने दिनों की कठोर तपस्या के बाद राहत मिली तो उसमे सावधानी रखनी चाहिए ।

जान है तो जहाँ है मूल मंत्र याद रखना चाहिए ।जनता को जागरूक होकर अपना फ़र्ज  निभाना होना चाहिए ।अगर महामारी से बचने के लिये लॉक डाउन जरूरी है तो बिगड़ी अर्थ व्यवस्था को सुधारने के लिए राहत भी उतना ही जरूरी है।

अतः सरकारी आदेशो व नियमो का पालन करना चाहिए।

लापरवाही नहीं करनी चाहिए खतरा अभी टला नहीं ,लापरवाही महंगी पड़ सकती है ।

राहत सरकार ने दी है  कोरोना ने नही ,यह सभी को  याद रखना चाहिए।


सुषमा दीक्षित शुक्ला

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