हमने घर में रहना ठाना है - कविता - राजू शर्मा

तुम्हारा जन्म हुआ है चीन के वुहान में
  कोहराम मचा रखा है, पूरे संसार में
          तुम्हारा जो उद्देश्य है, 
   हर व्यक्ति को बीमार कर जाना है।
            ये हो नहीं सकता, 
    क्योंकि हमने घर में रहना ठाना है।

        देश का मान सम्मान बढ़ाना है  
एक अच्छा नागरिक का कर्तव्य निभाना है।
       हिन्दुस्तान को विश्व गुरु बनाना है 
इसकी महत्वता को दुनिया वालो को समझाना है                   
            हमने घर में रहना ठाना है
  ऐ कोरोना, तुम्हे हार कर भारत से जाना है
           हमने घर में रहना ठाना है ।
     यह उपदेश  जन- जन में पहुंचाना है, 
         हमने घर में रहना ठाना है।.......2

      तुम फैल चुके हो पूरे संसार में
तुम्हे फर्क नहीं पड़ता बूढ़े और जवान में
 लॉकडॉउन के अनुशासन को निभाना है
         हर व्यक्ति से दूरी बनाना है
         हमें साफ़ सुथरा से रहना है
और  दोस्तो से भी नहीं हाथ मिलाना है।
               जो कोरोना फैलाए, 
     उस पे गद्दारी का मोहर लगाना है
      आखिरकार उसे जेल में जाना है
          हमने घर में रहना ठाना है।
ऐ  कोरोना, तुम्हे हार कर भारत से जाना है, 
         हमने घर में रहना ठाना है ।
   यह उपदेश  जन-जन में पहुंचाना है, 
      हमने घर में रहना ठाना है।.......2

तुम बेखौफ होकर प्रवेश कर रहे हो इंसान में
  तुम्हे भय नहीं लगता हमारे हिन्दुस्तान में 
साबुन, सेनिटाइजर, शैंपू से हाथ को धोना है
              इस विपरीत स्थिति में
 सभी को एक साथ होकर संयम रखना है।
       पुलिस और डॉक्टर के काम को
           मजबूती से आगे बढ़ाना है
            हमने घर में रहना ठाना है।
  ऐ कोरोना, तुम्हे हार कर भारत से जाना है
            हमने घर में रहना ठाना है ।
     यह उपदेश  जन- जन में पहुंचाना है, 
         हमने घर में रहना ठाना है।.......2

       तुम दिखाई नहीं देते हो इंसान में 
 तुम बड़े होकर दिखाई पड़ते हो अस्पताल में
         हर व्यक्ति को मास्क पहनना है
             संक्रमित होने से बचना है
            सामाजिकता दूरी बनाना है 
            कोरोना को नहीं फैलाना है ।
    जो काम बड़े-बड़े देश ने नहीं कर पाया,
             उसे कर के दिखलाना है।
       हर व्यक्ति को यही बात समझाना है    
            घर से बाहर नहीं जाना है
            हमने घर में रहना ठाना है।
   ऐ कोरोना, तुम्हे हार कर भारत से जाना है, 
            हमने घर में रहना ठाना है ।
      यह उपदेश  जन - जन में पहुंचाना है, 
        हमने घर में रहना ठाना है।.......2


राजू शर्मा
बेलसंड, सीतामढी (बिहार)

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