संदेश
विधा/विषय "रानी लक्ष्मीबाई"
झाँसी न दे पाऊँगी - कविता - राघवेंद्र सिंह
सोमवार, दिसंबर 11, 2023
जब भारत पर अंग्रेजों ने, निज अधिकार जमाया था। राज्य हड़पने की नीति को, गोरों ने बनवाया था। तब झाँसी की एक नायिका, क्रान्ति ज्वाल बन चम…
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई - कविता - राघवेंद्र सिंह
शनिवार, नवंबर 19, 2022
स्वाभिमान के रक्त से रंजित, हुई धरा यह प्रिय पावन। हिला हुकूमत का सिंहासन, और हिला सन् सत्तावन। राजवंश की शान थी जागी, जाग उठा वीरों क…
लक्ष्मीबाई - कविता - गोकुल कोठारी
शनिवार, नवंबर 19, 2022
विषय नहीं आज यह, वह नर थी या नारी थी, लेकिन थी हाहाकारी, आदिशक्ति अवतारी थी। मातृभूमि की आन पर जब भी बन आई है, नर ही क्या यहाँ नारी भी…
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई - कविता - राघवेंद्र सिंह
शनिवार, जून 18, 2022
स्वाभिमान के रक्त से रंजित, हुई धरा यह प्रिय पावन। हिला हुकूमत का सिंहासन, और हिला सन् सत्तावन। राजवंश की शान थी जागी, जाग उठा वीरों क…
वह तो झाँसी वाली रानी थी - कविता - गाज़ी आचार्य "गाज़ी"
गुरुवार, जुलाई 01, 2021
चलो सुनाऊँ एक कहानी जिसमें एक रानी थी, मुख से निकले तीखे बाण वो शमशीर दिवानी थी। थी वो ऐसी वीरांगना उसकी शौर्य भरी जवानी थी, सर पर सज…