संदेश
बाल मजदूर - कविता - रवि शंकर साह
नन्हा - मुन्हा सा था मैं। नाजो से माँ ने ही पाला। माता पिता का राजदु लारा। नियति की ऐसी मार पड़ी। मैं हो गया अब अनाथ। कहते है अब सब हम…
मजदूर, मालिक और कोरोना - कविता - सुधीर कुमार रंजन
हां, मैं मजदूर हूँ, आप मालिक फर्क सिर्फ इतना है कि- मेरा जन्म एक मजदूर के घर, और आपका एक मालिक के घर। मेरा जन्म हुआ हो, या आप…
श्रमकर्मी - कविता - सौरभ तिवारी
हम श्रमकर्मी बढ़ चले हैं अपनी मंजिल पाने को, भले राह में कष्ट हजारों पीने को, ना खाने को। श्रमबिन्दु है, साथी अपना क्यों करें गु…
मजदूर इन लॉकडाउन - कविता - हेमेंद्र वर्मा
हाँ मैं मजदूर हूँ, पर अभी मैं मजबूर हूँ निकल पड़ा हूँ सड़कों पर पत्नी, बच्चे और हाथों में कुछ सामान लिये पता है लॉकडाऊन है, पर क्या…
मजदूर - कविता - चँद्रमुखी "सहरावत"
मैं मजदूर, मत कहो मुझे बेचारा चला जा रहा अपने पथ पर बिन संबल के अपने दम पर संग ले के अपना दुलारा मत कहो मुझे बेचारा वर…
ग़रीबी और महामारी - कविता - आकांक्षा भारद्वाज
ये काल का चक्र भयंकर है कैसी विपदा आयी है जो बना हर इंसाँ दुर्बल है। ना शोर ना सपाटा है अब हर जगह बस सन्नाटा है।। है कुछ लोग…
घणे तंग होरये मजदूर - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
घणे तंग होरये सैं मजदूर जाणा पैदल घणी दूर घणी होरयी सै परेशानी संग मैं बच्चे और जनानी दिये सता बिना ये कसूर जाणा पैदल घणी दूर…
आत्मनिर्भर हम बने - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
अपने को अपना कहें , स्वीकारें भी अन्य। अच्छाई जिसमें दिखे, बनाये उसे अनन्य।।१।। आत्म निर्भर हम बने ,…
विश्व मजदूर दिवस - कविता - बजरंगी लाल यादव
देश की सभी तरक्की में,मजदूरों का हाथ है, सुई से लेकर वायुयान बनाने तक में मजदूरों का साथ है, पर कहीं सम्मान न तेरा भूखे नंगे रहना…
लॉक डाउन मे मजदूरों का देशहित मे योगदान - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कोरोना वायरस की दुःखदायी स्थिति से देश मे लगे लॉक डाउन मे मजदूरों का देश के लिए योगदान अविस्मरणीय रहेगा। भारत में मजदूर भय…
मजदूर - कविता - जितेन्द्र कुमार
अंततः उससे पूछा मैंने, आपको क्या बीमारी है? बड़े अदब से वो बोला, साहब! भूख भारी है। बार-बार यह सताती है, नींद बगैर शब जाती ह…