संदेश
जले सदा जीवन दीवाली - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
शुभकामनाएँ दे रहा है, हृदय तल से 'अंशुमाली'। मातु लक्ष्मी आगमन हो, जले सदा जीवन दीवाली। भूलना मत एक अकिचंन, की कुटी दीपक जलाना…
दीपावली - मुक्तक - महेन्द्र सिंह राज
दीवाली हर साल मनाते, रावण हर साल जलाते हैं। होली पर होलिका जलाकर, ख़ुशियाँ हर वर्ष मनाते हैं। दानवता पर मानवता की, जीत नहीं होने पाती ह…
प्यार का क़िस्सा - मुक्तक - रमाकान्त चौधरी
१) मैं अपने प्यार का क़िस्सा सुनाने तुमको आया हूँ, हुआ क्या-क्या मोहब्बत में बताने तुमको आया हूँ। ज़रा तुम गौर से सुनना मोहब्बत के फ़साने…
कोरोना पर लापरवाही - मुक्तक - संजय राजभर "समित"
न हिन्दू न ही मुसलमान देखता है। न ईमान न बेईमान देखता है। छुआछूत ही है कोरोना की प्रकृति- न भाषा न क्षेत्र इंसान देखता है। कुछ लोग ज…
सुरज देव किरणे फैलाओं - मुक्तक - कुन्दन पाटिल
१ सुरज देव किरणे फैलाओं। चाँद देव रोशनी फैलाओं।। खुशी का अवसर हैं आज। बहारों अब फुल बरसाओं।। २ शांति दूत से पहचाना जाता। गले सभी को प्…
आठ मुक्तक पच्चीस मुहावरे - मुक्तक - सुषमा दीक्षित शुक्ला
रिश्वतख़ोरों की मत पूछों, ऐसी बाट लगाते हैं। मोटी मोटी रकमें लेकर, सिर अपना खुजलाते हैं। नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली, हज को जाती हो जैसे। आद…
जश्न-ए-आज़ादी - मुक्तक - परवेज़ मुज़फ्फर
आकर वतन से दूर तरक्की की दाँव में परदेश हम ने बाँध लिए अपने पाँव में। रह कर अज़ीम शहरो में परवेज़ आज भी दिल का कयाम है उसी छोटे से गाँ…