जले सदा जीवन दीवाली - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

शुभकामनाएँ दे रहा है, हृदय तल से 'अंशुमाली'।
मातु लक्ष्मी आगमन हो, जले सदा जीवन दीवाली।
भूलना मत एक अकिचंन, की कुटी दीपक जलाना-
भेज देना गेह उसके, मिष्ठान पूरित एक थाली।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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