संदेश
सावन और माँ का आँगन - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है। फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड भरा माँ का आँगन है। महके ख़ुशबू बरसात घड़ी, भारत …
माँ की याद - कविता - मेहा अनमोल दुबे
नियम, जपतप में लगे हुए, दिव्य शांत स्वरूपा, मेहा बन फुलों पर सो गई या मौन में सदा के लिए तल्लीन हो गई, दृष्टिकोण में तो सब जगह हो गई…
माँ स्वयं में संसार है - कविता - संजय राजभर 'समित'
एक माँ अपनों बच्चों के लिए एक सुरक्षा कवच है, ममता की धारा माँ और बच्चे दोनों को आजीवन सींचती रहती हैं एक असीम आनंद की अनुभूति एक माँ …
रोते दोनों सारी रात - कविता - राहुल भारद्वाज
कैसे भूल सकूँगा मैं, वह काली-काली अंधियारी रात। बहा ले गई जो मेरा गुलशन, कैसी थी वो काली रात॥ माँ का सर पर आँचल था, महका करता आँचल था।…
मेरा दुःख मेरा दीपक है - कविता - गोलेन्द्र पटेल
जब मैं अपने माँ के गर्भ में था वह ढोती रही ईंट जब मेरा जन्म हुआ वह ढोती रही ईंट जब मैं दुधमुँहा शिशु था वह अपनी पीठ पर मुझे और सर पर …
माँ - कविता - संजय राजभर 'समित'
एक दिन मैं अपनी माँ से पूछा “माँ मेरे न रहने पर तेरी बहू कैसा व्यवहार करती है?” माँ चुप थी तब मैं सब समझ गया माँ यदि सच बोलेगी …
माँ - कविता - गणेश दत्त जोशी
माँ तो माँ है, माँ का कोई नहीं सानी, माँ मिठास है मिश्री की, माँ है गुड़ धानी। माँ से ममता, माँ से क्षमता, माँ ही तो है वो जो सबसे पहल…