संदेश
माँ का आँचल - गीत - महेश कुमार हरियाणवी
थाम के दुःख का दामन, जो दुनिया दिखलाती हैं। सच, माँ तो केवल माँ है, हर दुखड़े हर जाती हैं॥ जिस आँचल के दूध तले, इस जीवन की आस पले। ला, …
प्यारी माँ - कविता - मेहा अनमोल दुबे
प्यारी माँ! तुम बहुत याद आती हो, जब दिन ढलता है, जब नवरात्र का दिपक जलता है, जब साबुदाने खिचड़ी कि ख़ुशबू उडती है, जब हृदय मे पीड़ा होती …
माँ - कविता - विजय कुमार सिन्हा
शरीर के रोम-रोम में बह रहा है माँ का दूध लहू बनकर। यह एक ऐसा क़र्ज़ है जो कभी उतर नहीं सकता। बड़ी ही मीठी बोल है माँ। अच्छे-बुरे क…
अन्तर्मन पुलकित मातृत्व भाव - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
अन्तर्मन पुलकित मातृत्व भाव, पूर्ण नारीत्व सृजन तन होता है। अनुभूति सकल सुख शुभ जीवन, सुख सन्तान प्राप्ति मन छाता है। नारीत्व सफल …
माँ - कविता - युगलकिशोर तिवारी
जब याद तेरी मुझे आती माँ नयनों से आँसू आते हैं बचपन में जब मैं रोता था आँचल से तेरे पोंछा था अब नीर नयन में आते हैं वो शीतल आँचल कहाँ …
माँ - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'
1. आज नहीं जो हो पाती है, बेशक कल हो जाती है। माँ जब साथ में होती है, हर मुश्किल हल हो जाती है। बस मेहनत की रोटी खाना, कह हाथ फेरती है…
माँ - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
हमारे हँसने से जो हँसती है, रोने से जो रोती है। है कौन भला इस दुनिया में, ऐसी एक माँ ही होती है। हर दुःख के साए को जिसने, अपने आँचल मे…