संदेश
मन विजय - कविता - मयंक द्विवेदी
सीमाएँ क्या होती है? असीमित बन बहना होगा। अनन्त है तेरी परिभाषाएँ, प्रबल है तेरी अभिलाषाएँ, कदम सुदृढता से रखना होगा। मुश्किले कमज़ोरिय…
तिरस्कृत मन - कविता - जगदीश चंद्र बृद्धकोटी
स्तब्ध मन हो रहा है जब क्रोध बाँटा जा रहा है, अनगिनत अवहेलनाओं से पुकारा जा रहा है। ख़ुद की कुंठा को छिपाने मुझको रोका जा रहा है, कटु …
मन की उड़ान - कविता - प्रवल राणा 'प्रवल'
मिलन की उत्सुकता, मन हो रहा विकल। है निर्भर भाग्य पर, कामना होगी सफल।। आल्हाद है मन में, कुछ है विकलता। आशंका भी होती रही, छिपी न हो …
जो मन कहता - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तक़ती : 22 22 22 22 बंदिश में जीना, मरना है, फिर क्यों बंदिश से डरना है। सोच लिया है इसीलिए अब, जो म…
मन का कुछ अहसास कहो जी - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेल फ़आल तक़ती : 22 22 21 121 मन का कुछ अहसास कहो जी, कोशिश कर कुछ ख़ास कहो जी। तिल भर भी बाकी हो यदि तो, मिलने की…
मन - कविता - सूर्य मणि दूबे 'सूर्य'
धरा का धरातल धरा ही रहा, मन आसमानी पवन संग चला। बादलों की हवाई सवारी लिए, बेअन्तक अनन्तक गगन तक चला। निरन्तर खग वृंद विचरते रहे, कुछ त…
मन-मंदिर - जलहरण घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी
आस्था विश्वास रहते, प्रेम सद्भाव बहते, मनमंदिर में जोत, जगाते चले जाइए। महकते पुष्प खिले, ख़ुशबू जग में फैले, शब्द मोती चुन चुन, रिश्तो…