संदेश
विधा/विषय "भूल"
भूल - हाइकु - जितेन्द्र कुमार
बुधवार, सितंबर 21, 2022
एक भूल से, भूल जाते हैं लोग सारी ख़ूबियाँ। नहीं रचते हम नूतन भव बग़ैर भूल। ज्ञात है मुझे, पेंसिल की ईज़ाद भूल के लिए। नहीं बनते, यायावर ध…
जीवन की भूल - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
शुक्रवार, अगस्त 13, 2021
माना कि भूल होना मानवीय प्रवृत्ति है जो हम भी स्वीकारते हैं। मगर अफ़सोस होता है जब माँ बाप की उपेक्षाओं उनकी बेक़द्री को भी हम अपनी भूल …
भूल करते रहे - कविता - गुड़िया सिंह
शुक्रवार, मई 07, 2021
ख़ुद से रहे अनजान, औरो को समझने की, भूल करते रहे, सारी उम्र इसी में गुज़ार दी, सभी ही तो काम ये, फ़िजूल करते रहे। ना बाँटी किसी को खुशिया…
बाबा साहेब को भूल रहे तुम - कविता - अरविन्द कालमा
शुक्रवार, नवंबर 13, 2020
भारतीय संविधान हमने बेसिक पढ़ा है जिसे डॉ.भीमराव अम्बेडकर ने गढ़ा है उन्होंने दिए समानता और प्रेम के सन्देश पथ पर उनके चल बहुजन आगे बढ़ा …
भूल - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गुरुवार, सितंबर 10, 2020
नवशिक्षण अभिलाष मन, नाम समझ लो भूल। जीवन का शाश्वत नियम, आत्म चिन्तना मूल।।१।। भूल अर्थ विस्मृति समझ, मान अर्थ अपराध।…
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