संदेश
रोटी की भूख - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
झारखण्ड के कोयलांचल में जीने की ललक... चंद रोटियों को तलाशती है किसी कोयले की टोकरी में कि गुम हो गई हो काली अँधियारे में... गोल-गोल …
ऊँची हवेली - कविता - नीरज सिंह कर्दम
फटे हुए कपड़ों में पैरों में चोट लगी है ठंड से ठिठुरता हुआ आँखों में आँसू लिए भूख से आंते सिकोड़ता हुआ उस ऊँची हवेली को निहारता हुआ एक…
मिटे भूख जब दीन का - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
जीवन है फुटपाथ पर, यहाँ वहाँ तकदीर। भूख वसन में भटकता, नीर नैन तस्वीर।।१।। भूख मरोड़े पेट को, हाथ ख़ोजते काम। दाता के नारों तले, शुष्क…
क्यों किसान भूखा है - कविता - शिवचरण चौहान
क्यों व्यापारी मौज कर रहा क्यों किसान भूखा है। दिल में रखकर हाथ कहो क्या खुद से खुद पूछा है।। बिना किए कुछ काम धाम अरबपति नेता क्यों ह…
भूख मरने का इन्तज़ार करते हैं - कविता - सूर्य मणि दूबे "सूर्य"
तुम इन्तजार भूख लगने का करते हो और वो भूख मरने का इन्तज़ार करते हैं गरीबी इक गुनाह है, वो ऐतबार करते हैं भूखी माँ दूध पिलाती बन हड्डी क…
खाली पेट की तस्वीरें - कविता - सूर्य मणि दूबे "सूर्य"
एक रोग है कंगाली भूख में दर्द बडा़ है हर आग बुझे पानी से पर पेट का आग बुरा है, भूख सात दिन बासी रोटी बस दो दिन पहले की कौन है ज्यादा…
भूख हड़ताल - कहानी - प्रवीण श्रीवास्तव
अहिंसक और स्वाभिमानी व्यक्तियों का सबसे अचूक अस्त्र है अनशन , जिसको हम भूख हड़ताल भी कहते है । भूख हड़ताल में प्रायः ऐसे व्यक्तियों…