संदेश
मेरे गुरुजी सबसे अच्छे - बाल कविता - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
आँखों मे चश्मा चमक रहा, है गेहुँआ रंग। धोती कुर्ता पहन कर आते, अजब निराले ढंग।। पतली छड़ी साथ वो लाते, जब कक्षा में आते। सब डर जाते देख…
सुहानी सुबह - बाल कविता - डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
नवल प्रात की नई किरण ने, छटा विकट फहराई, दूर हो गया तम तुरंत ही, नई सुबह है आईं। नन्ही नन्ही चिड़ियाँ चहकीं, और चहकते बच्चे, चीं-चीं कर…
पथ मेरा गुरुजन सरल करें - बाल कविता - भगवत पटेल
उपदेशों से मन होता भारी, सूक्ति वाक्य में समझ परे है। पुस्तक बोझ समझ कर ढोता, विद्यालय से हर रोज़ डरे है। कुछ ऐसा कर दो मेरे गुरुवर, म…
पंखा - बाल कविता - डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
तीन पंखुड़ी जब मिल जाएँ, सरपट सरपट दौड़ी जाएँ। दौड़ दौड़ कर हवा चलाएँ, हवा हमे ये मिलती जाए, नन्ही गुड़िया हवा ये पाए, हवा चले तो निंदिया आ…
मेरी दुनिया माँ का आँचल - बाल कविता - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
मुझे कहीं सच में मिल जाएँ, अगर कहीं भगवान। और कहें यदि माँगो मुझसे, तुम कोई वरदान। अच्छे कपड़े और खिलौने, जो भी चाहो ले लो। गड्डे गुड़…
भाई बहन - बाल गीत - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
अपने सब कामों से हैं सबको रिझाते। भाई बहन प्यार के हैं गीत गुनगुनाते।। साथ-साथ रहते हैं, साथ-साथ खाते। साथ-साथ लड़ते झगड़ते खिलखिलाते।…
दीप जलेंगे - बाल कविता - मोहम्मद मुमताज़ हसन
आया दीवाली का त्यौहार, दीप जलेंगे मिट्टी के! नहीं चाहिए चीजें विदेशी, अपनाएंगे अब हम स्वदेशी! चाईनीज लाइटों को हटाकर दीप जलेंगे म…