संदेश
यूँ आजकल जिनकी बातों में - नज़्म - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
यूँ आजकल जिनकी बातों में, आप आए बैठे हैं जो तुम्हें, अपनी हर एक बात पर लुभाए बैठे हैं पछताना न पड़े, जान लो वक्त रहते तुम भी उन्हें यक़…
कहो जो है दिल में बात - नज़्म - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
कहो जो है दिल में बात, उनके पयाम से पहले, मत सोचो मोहब्बत में कुछ भी अंजाम से पहले। दिल की बात दिल में न रह जाए हसरत बनकर, जी ले तू भी…
आज़ादी - नज़्म - फ़िराक़ गोरखपुरी | स्वंत्रता दिवस पर नज़्म
मिरी सदा है गुल-ए-शम्-ए-शाम-ए-आज़ादी सुना रहा हूँ दिलों को पयाम आज़ादी लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज…
बाग़ में कोई कली चटके मगर तुमको न भाए - नज़्म - रोहित सैनी
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन तक़ती : 2122 2122 2122 2122 बाग़ में कोई कली चटके मगर तुमको न भाए, रंग सब बेरंग ठहरे,…
अंगारों को यूँ जिनके सीने में धड़कते देखा है - नज़्म - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अंगारों को यूँ जिनके सीने में धड़कते देखा है, मेहनत कशी से वक्त फिर उनको बदलते देखा है। ये राह आसाँ तो नहीं पर लेना तुमको दम नहीं, चिं…
मंज़िल पर हूँ - नज़्म - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
मंज़िल पर हूँ, पैरो को अब और चलने की ज़रूरत ना रही, दिल में इस तरह से बसे हो कि मन्दिर में तेरी मूरत ना रही। फ़लक़, पंछी, ये ख़ामोश कहकशाँ,…
अक्टूबर है जी जान लगा दो - नज़्म - प्रशान्त 'अरहत'
ये क्या है मौसम? बहाना कैसा? कभी तुम गर्मी कभी तुम सर्दी बता रहे हो! या काम से जी चुरा रहे हो? तुम लक्ष्य ठानो जो एक मन में तो उसको प…
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