संदेश
अच्छा नहीं - कविता - कपिलदेव आर्य
दिल बहलाने के लिए, दिल तोड़ना अच्छा नहीं, हथेली में पूनम का चाँद दिखाना, अच्छा नहीं. डरती हैं कुछ नाजुक आँखें ख़्वाब देखने से, नज़ारे झूठ…
दिल के अल्फ़ाज़ - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
दिल के अल्फ़ाज़ मोहब्ब्त के नाम मैं लिखता हूँ, बात ये है कि तिरे जज़्बात मैं समझता हूँ। आँखों में तिरी इक तस्वीर मैं रखता हूँ, राह-ए-इश्क़…
देखा था जब तुझे - ग़ज़ल - समुन्द्र सिंह पंवार
दिल ही दिल में तुम पर मर मिटे थे हम, देखा था जब तुम्हें सपनों के गांवों में। दिल में तब एक तमन्ना हुई कि तुम से, मिल ही सकें कहीं बहार…
दिल का अखबार - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
हँस दो इक बार ज़रा कर लो अब प्यार ज़रा मैं साथ तुम्हारे हूँ समझो दिलदार ज़रा खुद को पा लो छूकर साँसों के तार ज़रा अहसासों में…
दिल से डरते हैं - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
जिनको खिलते चमन अखरते हैं वो मुहब्बत की बात करते है इश्क़ पत्थर कभी नहीं करते ये तो फूलों के दिल से डरते हैं दिल जलाती है रोशनी…
मेरा न यूँ दिल तोड़ना था - मुक्तक - राहुल सिंह "शाहावादी"
हर किस्म का तुम सनम, इल्जाम मुझपर थोप देते। पर वफा करके मेरे संग, तुमको न ऐसे छोड़ना था। प्यार में जो मांग लेते,…
दिल की आवाज़ - कविता - शेखर कुमार रंजन
आज क्यों मेरा दिल, जोड़ो से धड़क रहा है क्या वो मेरे गलियों से, देखो तो गुज़र रही हैं। आज वर्षों बाद फिर मेरी, धड़कने रूकने सी ल…