मेरा न यूँ दिल तोड़ना था - मुक्तक - राहुल सिंह "शाहावादी"

हर किस्म का तुम सनम, 
     इल्जाम मुझपर थोप देते। 
पर वफा करके मेरे संग, 
     तुमको न ऐसे छोड़ना था। 
प्यार में  जो  मांग  लेते, 
     तुझको सनम यूँ जान देते।
इकवार गर तुम सोच लेते, 
     मेरा न यूँ दिल तोड़ना था।

राहुल सिंह "शाहावादी" - जनपद, हरदोई (उत्तर प्रदेश)

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