ममता शर्मा "अंचल" - अलवर (राजस्थान)
दिल से डरते हैं - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
मंगलवार, अक्तूबर 06, 2020
जिनको खिलते चमन अखरते हैं
वो मुहब्बत की बात करते है
इश्क़ पत्थर कभी नहीं करते
ये तो फूलों के दिल से डरते हैं
दिल जलाती है रोशनी जिनका
वो अँधेरों को दिल में भरते हैं
प्यार को मानते इबादत जो
वो कँहा झूठ से सँवरते हैं
दर्द बसता है जिनकी आँखों में
पाप कब उनके घर ठहरते हैं
कौन पत्थर है, कौन फूल यहाँ
प्रश्न पल- पल यही उभरते हैं।।।।
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