संदेश
विधा/विषय "जवानी"
तुम्हारी नहीं पर जवानी लिखी है - ग़ज़ल - प्रशान्त "अरहत"
गुरुवार, जुलाई 08, 2021
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 122 तुम्हारी नहीं पर जवानी लिखी है। इबारत किसी की पुरानी लिखी है।। मेरी डायरी में न…
जवानी - ग़ज़ल - अभिनव मिश्र "अदम्य"
मंगलवार, मई 11, 2021
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 122 हँसाए जवानी रुलाए जवानी। अजी रंग कितने दिखाए जवानी।। मिले मुश्किलें ज़िंदगी में …
उफ़ानें हैं जवानी की - ग़ज़ल - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शुक्रवार, अगस्त 28, 2020
उफ़ानें हैं जवानी की, तरंगें यों उफ़नती हैं। नशीली नैन मधुशाला, बनी मादक मचलती हैं। सुहानी चाँदनी रातें, अकेली वो थिरकती हैं…