संदेश
प्रेम की तमन्ना - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
तुम सरिता सी बहती जाओ, मैं अनन्त सागर बन जाऊँ। तुम शबनम बूँद-सी बन जाओ, मैं गुलाब गुल-सा खिल जाऊँ। तुम निर्मल नदियाँ की धार बन जाओ, मै…
तुम्हें जब से - ग़ज़ल - पारो शैवलिनी
छाया है नशा मुझपे देखा है तुम्हें जब से, क़ाबू में नहीं दिल है चाहा है तुम्हें जब से। तस्वीर कोई हुस्न की भाती नहीं हमको, बड़े प्यार से…
ख़्वाहिश है बोलता ही रहूँ - कविता - मनोज यादव
ख़्वाहिश है बोलता ही रहूँ। वहाँ तक, जहाँ तक धरती दम तोड़ती हो। वहाँ तक, जहाँ तक आकाश का किनारा हो। वहाँ तक, जहाँ तक किसी को तक़लीफ़ न हो। …
फिर एक बार - कविता - डॉ. विजय पंडित
एक बार वहीं से फिर शुरुआत करना चाहता हूँ, फिर एक बार मैं वही पुराने दिन जीना चाहता हूँ। दोस्तों के साथ कभी शुरू किया था जो सफ़र, संघर्ष…
चाहत-ए-इश्क़ - ग़ज़ल - विकाश बैनीवाल
नायाबी मुल्क़ निसार दूँ मैं तेरी चाह में, नज़रें इनायत डाल ज़िंदगी की राह में। फ़ितरत-ओ-सादग़ी में फ़ना हूँ तेरी, लाज़ परख़ी मैंने कई दफ़ा न…
चाहत से दुनिया हंसी है मेरी - गीत - दिनेश कुमार मिश्र "विकल"
आई हो अभी तो तुम जानेमन, तुम अब जाने का नाम न लेना, ढला दिवस अब रजनी है आई, घर पर है मुझको जाना। अवश्य पूरा करूँगा इक दिन, आएं क्षण श…
मेरी चाहत - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
क्या कहूँ? शब्द जैसे खो गये हैं लगता है ऐसे जैसे तुम्हारे प्यार की बंदिशों में सो गये हैं। तुम्हारी तारीफों के लिए शब्द कहाँ से लाऊँ?…