तापमान - कविता - डॉ॰ सिराज

तापमान - कविता - डॉ॰ सिराज | Hindi Kavita - Taapmaan - Dr Siraj | Hindi Poem about Environmental Protection. पर्यावरण संरक्षण पर हिन्दी कविता
धरती जल रही है,
गर्मी हदें पार कर रही हैं।
मनुष्य ख़ुद को बचाने के उपाय तो ढूँढ़ लिया है,
लेकिन प्रकृति को बचाने का विचार विलुप्त है। 
कब तक AC वाले कमरे में क़ैद कर लेंगे? 
आख़िर बाहर तो निकलना ही होगा। 
कैसे ओढ़ पाएँगे अंगारों भरी चादर?
पता हैं न?
50 डिग्री तापमान होने पर AC बंद हो जाएगा
52 डिग्री में चिड़िया मर जाएगी
और 
55 डिग्री तापमान में इंसान का ख़ून उबल जाएगा,
इंसान मर जाएगा। 
इस क़हर से जीवन को बचाना है तो
बचाना होगा हसदेव जैसे कई जंगलों को
पूँजीपतियों से। 
साथ देना होगा प्रकृति की रक्षा में संघर्षरतों का
बनाने होंगे सख़्त नियम और क़ानून
जंगल बेचने और काटने वालों के ख़िलाफ़। 
लेना होगा सही संकल्प 
पर्यावरण की रक्षा का। 

डॉ॰ सिराज - बिदर (कर्नाटक)

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