आज पन्द्रह अगस्त फिर आया,
आज़ादी का परचम लहराया।
हर्षित उर राष्ट्र ध्वज फहराया,
जन गण मन मिल सबने गाया।।
बापू ने रण-शंख बजाया,
बोस, भगतादि ने शीष कटाया।
गोरौं को, मुँह काला करके,
भारत से था आज भगाया।।
आज पन्द्रह अगस्त फिर आया,
भारत का जन, जन हरषाया।
आज़ादी के अमर शहीदों,
पर श्रद्धा सुमन बरसाया।।
आज़ादी के आन्दोलन का,
एक चित्र नेत्र उभर फिर आया।
पन्द्रह अगस्त ने आज़ादी का,
इतिहास पुनः आज दोहराया।।
शत् शत् नमन शहीदों को,
जिन देश-काज निज प्रान गंवाया।
सींच लहू निज, जन्म भूमि,
भारत को स्वाधीन कराया।।
बड़े भयावह संग्राम साधने,
बाद स्वतन्त्र स्वराज्य यह पाया।
अब इस देश की रक्षा का,
भार आज हम सबने उठाया।।
राम प्रसाद आर्य 'रमेश' - जनपद, चम्पावत (उत्तराखण्ड)