आँसू - कविता - सुधीर श्रीवास्तव

आँसुओं की भी
अजब कहानी है,
कहने को तो पानी है
पर ग़म और ख़ुशी
दोनों ही इसकी कहानी है।
आँसू दु:खों का बोझ
कम कर देते हैं,
ख़ुशी में भी आँसू
निकल ही आते हैं।
कभी तो ये अनायास ही
बहने लगते है,
आपके अपने मन के भाव
दुनिया को बता देते हैं।
आँसुओं को पीना भी
बड़ा कठिन होता है,
आँसुओं को बहनें से रोकना 
सबसे मुश्किल होता है।
आँसूओं की कोई जाति, धर्म
ईमान नहीं है,
अमीर ग़रीब की उसे
पहचान नहीं है।
सबके आँसुओं का
बस एक रंग है,
किसी भी आँख से बहे आँसू
पर रंग देख लो
कभी बदरंग नहीं है।

सुधीर श्रीवास्तव - बड़गाँव, गोण्डा (उत्तर प्रदेश)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos