माँ तू हम सबको प्यारी है - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"

तूने जन्म दे पालन-पोषण किया,
माँ हम तेरे अनमोल कर्ज़दारी है।
तेरी ही बदोलत ख़ुशियाँ हमारी,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

तू ममता की महा खान,
तू करूणा की पिटारी है।
तेरी गोदी में वात्सल्य उमड़े,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

तेरे आँचल की ठंडी छाँव,
स्वर्ग के सुख पर भारी है।
तू सुंदर जग की अनुपम कृति,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

जब हो हम असमंजस में,
तेरी मुस्कान सलाहकारी है।
दुःख हर के सुख बाँटती सदा,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

तेरे चरणों में सब धाम समाए,
बेवजह भटके दुनिया सारी है।
सुख का सागर तेरे दामन में,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

कष्टों को झेल तू हमें पालती,
लाड़ प्यार में ना लाचारी है।
शिक्षित और संस्कारित बनाती,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

धीर, वीर और दृढ़-निश्चयी,
तप व त्याग की समर्पणकारी है।
पग-पग पर संघर्ष की पर्याय,
माँ तू हम सबको प्यारी है।

कानाराम पारीक "कल्याण" - साँचौर, जालोर (राजस्थान)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos