ओ भोले भण्डारी हम पर कृपा करो - गीत - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"

ओ भोले भण्डारी! प्रभु जी,
विनती सुनो हमारी।
हम पर कृपा करो।।

विषय व्याल ने घेरा डाला, 
हुई वासना हावी।
पल-पल छलती हमको ठगनी, 
यह माया मायावी।
काम क्रोध मद लोभ सताते, 
है मेरी लाचारी।
ओ भोले भण्डारी! प्रभु जी, 
विनती सुनो हमारी।।
हम पर दया करो।।

मोह बाँधता जाल बिछाता 
मन आकर्षित करता।
नाशवान संसार में मेरा 
मन रह-रह कर रमता।
नशा अहम का सिर पर चढ़ कर, 
करता रोज सवारी।
ओ भोले भण्डारी प्रभु जी! 
विनती सुनो हमारी।।
हम पर कृपा करो।।

परम पिता परमेश्वर शंकर, 
आशुतोष कैलाशी।
जग के स्वामी हे जगदीश्वर, 
अजर अमर अविनाशी।
नीलकण्ठ हे शूल पाणि प्रभु, 
हे बाघाम्बर धारी।
ओ भोले भण्डारी प्रभु जी!
विनती सुनो हमारी।।
हम पर कृपा करो।।

भव बंधन सब काटो जीवन, 
कर दो सुफल सँवारो।
तन मन फँसा विकारो में यह,
शिव जी इसे उवारो।
आदि देव हे महादेव प्रभु, 
शंभु शिवा त्रिपुरारी।
ओ भोले भण्डारी प्रभु जी! 
विनती सुनो हमारी।।
हम पर कृपा करो।।

श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल" - लहार, भिण्ड (मध्यप्रदेश)

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