दीप मालिका अभिनंदन है - कविता - शिवचरण चौहान

दीप मालिके
अभिनंदन है।
अभिनंदन, शत शत वंदन है।।
ज्योति सदा मंगलकारी हो।
तन निरोग हो, बलकारी हो।।
जीवन मधुमय सुखकारी हो।
धन वैभव पर हितकारी हो।।
ज्योति कलश नित
अभिनंदन है।
अभिनंदन, शत शत वंदन है।।
जीते सत्य, बुराई हारे।
सदा साथ हों राम हमारे।
सब दारिद्य मिटें दुख सारे।
लव कुश जैसे सुत हों प्यारे।।
महापर्व का
अभिनंदन है।
अभिनंदन, शत शत वंदन है।।

शिवचरण चौहान - कानपुर (उत्तर प्रदेश)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos