फिर मनाएंगे दीवाली - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"

पापा जल्दी ठीक हो जाओ,
फिर मनाएंगे दीवाली।

घर को जल्दी तुम लौट आओ,
फिर मनाएंगे दीवाली।

तुम बिन घर सारा सूना है,
जैसे हो सब वीराना है।

हँसी मुस्कुराहट संग ले आओ,
फिर मनाएंगे दीवाली।

तुम बिन हम अधूरे हैं,
तुमसे ही हम पूरे हैं।

घर की रौनक दे जाओ,
फिर मनाएंगे दीवाली।

मेरी यही प्रार्थना रब से,
पापा तुम्हारा हाथ रहे हम सब के सर पे।

कुशल-मंगल तुम आ जाओ,
फिर मनाएंगे दीवाली।

अतुल पाठक "धैर्य" - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)

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