कैरियर सलाह (आईटीआई) - लेख - रुपेश कुमार

आज मैं आईटीआई के बारे में बात करना चाहता हूँ। यह एक वोकेशनल कोर्स है जिसे आज के समय में सबसे अधिक जरूरत महसूस की जा रही है क्योंकि भारत देश में बेरोजगारी की दर बहुत अधिक बढ़ गई है।
अपने जीवन यापन करने के लिए अच्छे-अच्छे डिग्री वाले लोग को रोजगार मिलना असंभव सा लग रहा है।
यह लोग जॉब नहीं पा रहे हैं ,इसका कारण यह है कि उनमें उतना स्किल नहीं है या उतना कौशल नहीं है जिस वजह से वह आज भी बेरोजगार की श्रेणी में खड़ी दिखाई दे रहे हैं।
हम इसको ऐसा कह सकते हैं  कि जॉब की संख्या सीमित है और वहां पर कंपटीशन बहुत अधिक होने की वजह से यह लोग बेरोजगार रह जा रहे हैं , इन्हीं समस्याओं के बीच हमें आईटीआई की याद आती हैं जो कौशल प्रशिक्षण होता है ,यह कौशल प्रशिक्षण
भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में दिया जाता हैl इसमें बहुत सारे ट्रेड होते हैं जिसके लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं होती है।

यह एक ऐसा कोर्स है जो उद्योग की जरूरत को ध्यान में रखकर  डिजाइन किया गया है ताकि इससे निकलने वाले विद्यार्थी इससे  कॉलेज से बाहर निकले उन्हें तुरंत ही जॉब मिल जाए या अपना स्वरोजगार उस विशेष ट्रेड में शुरू कर सकें जिससे बेरोजगारी की समस्या कुछ हद तक कम हो सके l ऐसा अधिकांश देखने को भी मिल रहा है कि जो इस इस कोर्स को किए हैं वह खाली नहीं बैठे हुए हैं या तो किसी कंपनी में या किसी सरकारी संस्थान में जॉब कर रहे हैं अथवा अपना एक दुकान या इंट्रप्रनरशिप चालू करके अपना काम देख रहे हैं।

इस कोर्स को किए हुए लोगों को काम पर रखने से एक तो उद्योग को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है उनको ज्यादा प्रशिक्षण नहीं देना पड़ता है और यह लोग डायरेक्ट काम पर लग सकते हैं और यह वर्किंग हैंड होते हैं और हर कंपनियां चाहती हैं कि उनके पास जितने अधिक वर्किंग हैंड होगा उतना ही उसका प्रोडक्शन अच्छा होगा अगर उनके पास कुशल श्रमिक कुशल मजदूर अधिक है तो वह कंपनी बहुत अच्छा उत्पादन करती है और लाभ कमाते हैं ,इस वजह से जितने भी उद्योग हैं सभी उद्योगों में लगभग सभी ट्रेड के  आईटीआई वालों की जरूरत होती है और इन सभी  को तैयार तैयार करने का काम आईटीआई करता है।
पहले आईटीआई को लोग नजरअंदाज कर देते  थे क्योंकि पहले लोग ऐसा मानते थे कि यह कोर्स सिर्फ गरीब लोगों के लिए है अथवा जो पढ़ाई में कमजोर है इन लोगों के लिए है ,जिनके पास कोई साधन नहीं है ,
जो लोग कुछ भी नहीं कर सकते हैं वह आईटीआई करेंगे और वह उद्योग में जाकर काम करेंगे लेकिन आज समय बदल चुका है सब संपन्न लोग भी इस कोर्स की तरफ देखने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि अभी सबसे अधिक रोजगार की संभावना इसी कोर्स के द्वारा दिखाई दे रही है।

अब सवाल उठता है कि आईटीआई कहां से किया जाए आप आईटीआई प्राइवेट या सरकारी संस्थान दोनों से कर सकते हैं प्राइवेट संस्थानों में संसाधन की कमी होती है इसीलिए वहां पर प्रैक्टिकल क्लास की थोड़ी समस्या रहती है और फीस भी अधिक होते हैं परंतु सरकारी संस्थानों में प्रैक्टिकल के लिए उचित संसाधन उपलब्ध होते हैं और फीस भी कम होने की वजह से यह बहुत ही आकर्षक होता हैl आप प्राइवेट से करें या सरकारी से करें डिग्री एनसीवीटी /एससीवीटी देती है।

कुछ राज्यों में आईटीआई में नामांकन साधारण तरीके से सिर्फ मार्क्स के आधार पर हो जाते हैं लेकिन कुछ राज्यों में जैसे बिहार राज्य हो वहां पर इसमें इसके लिए कंपटीशन देना पड़ता है क्योंकि वहां सीटों की संख्या सीमित होती है और आवेदक अधिक होते हैं तो उनको स्क्रीनिंग करने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती हैं इस इंट्रांस प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को उनके द्वारा लाए गए मेरिट के आधार पर ट्रेड का आवंटन होता है।

आईटीआई के बारे में और जानकारी अगले लेख में आपको मिलेगी। आप लोगों से अनुरोध है कि जब भी आप इस पोस्ट को पढ़ें तो अपना फीडबैक मेरे ईमेल आईडी rupash82@gmail.com में जरूर लिखें ताकि मुझे आगे का पोस्ट लिखने में सहायता मिलेगी।
आपको कोई प्रश्न हो तो आप उसको मेरे ईमेल पता पर जरूर पूछ सकते हैं।

रुपेश कुमार - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

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