आत्मविश्वास - कविता - शेखर कुमार रंजन

क्या कुछ नही हो सकता है 
जब आत्मविश्वास अटल हो
चट्टान भी नही रोक सकता जब धाराओं में बल हो।

हल्की बात करोगे तो कोई 
तुम्हें क्यों सुनेगा?
शब्दावली अच्छी हो ,
तो आत्मविश्वास बढ़ेगा।

बातो मे दम होनी चाहिए
स्पष्ट उच्चारण हो आपका।
आत्मविश्वास हो,
तो सफलता कदम चूमेगी यह विचार हो सबका।

चिंता करना छोड़ दिया तो सब कुछ ठीक रहेगा।
वर्तमान मे जीते हो,
तो आत्मविश्वास बढ़ेगा।

लगातार व्ययाम से आपका
तन-मन बहुत खिलेगा।
आत्मविश्वास यदि आपमें हो,
तो काबिलियत जरूर मिलेगा।

अपनी मंजिल को पाना तब ही सम्भव है,
जब आत्मविश्वास पूरी है,
आत्मविश्वास से करे खुद को स्वीकार और प्यार,
यह अति जरूरी है।

निराशा, अवसाद और चिंता से दूर रहे,
यही तो जीवन का कुंजी है।
कभी न खोना आत्मविश्वास,
यही तो आपका सर्वश्रेष्ठ पूंजी है।

शेखर कुमार रंजन - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

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