संदेश
विधा/विषय "न्याय"
पंच से पक्षकार - कहानी - अंकुर सिंह
शनिवार, जुलाई 23, 2022
हरिप्रसाद और रामप्रसाद दोनों सगे भाई थे। उम्र के आख़िरी पड़ाव तक दोनों के रिश्ते ठीक-ठाक थे। दोनों ने आपसी सहमति से रामनगर चौराहे वाली …
जाति की खातिर - कविता - नीरज सिंह कर्दम
बुधवार, अक्तूबर 14, 2020
जाति की खातिर बचा रहे हैं बलात्कारी को न्याय कैसे मिलेगा अपराधी बना रहे हैं पीड़िता को । दलित की बेटी, दलित की बेटी मीडिया रोज चिल्लात…
नारी और न्याय - कविता - सुनीता रानी राठौर
शनिवार, सितंबर 05, 2020
नारी सशक्तिकरण का सर्वत्र नारा है, नारी और न्याय शब्द मात्र छलावा है। नारी अस्मिता हर पल घिरा खतरे में, नारी शोषण का दिखता बोलबाल…