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विधा/विषय "तमन्ना"
कविता के संग लिखा जाऊँ - कविता - सिद्धार्थ 'सोहम'
बुधवार, फ़रवरी 23, 2022
हूँ नहीं चाहता कुछ भी जग से, न माँगू मै वरदान अमर, ना बनना चाहूँ धनवान प्रखर, बस कविता की ही ओज मिले, कविता से ही पहचान मिले जब लिख…
प्रेम की तमन्ना - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
मंगलवार, मई 04, 2021
तुम सरिता सी बहती जाओ, मैं अनन्त सागर बन जाऊँ। तुम शबनम बूँद-सी बन जाओ, मैं गुलाब गुल-सा खिल जाऊँ। तुम निर्मल नदियाँ की धार बन जाओ, मै…
यही मेरी तमन्ना है - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
सोमवार, नवंबर 30, 2020
चाँद चकोर ज्यूँ , एकटक देखा करूँ , अपलक होकर । लुकछिप रहूँ , मैं सुबह शाम , आँखें बार-बार धोकर । माथे पर गोले-सी बिंदियाँ, कजरारे नय…