संदेश
एक दो-दिन का है ख़ुमार, बस, और - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1212 22 एक दो-दिन का है ख़ुमार, बस, और, सोचा थोड़ा-सा इंतिज़ार, बस, और। भूल जाने में कौन म…
मुझे देखकर अब उसका शर्माना चला गया - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
मुझे देखकर अब उसका शर्माना चला गया, राह देखने वाला आज ज़माना चला गया। जैसे बच्चे जीते बेफ़िक्री में जीवन को, आज बुज़ुर्गों से उनका डर जान…
इक ख़ुमारी है बे-क़रारी है - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1212 22 इक ख़ुमारी है, बे-क़रारी है, रूह प्यासी है, मन भी भारी है। इक सदी है कि जो गुज़र ग…
हर तरफ़ रंज है आलाम है तन्हाई है - ग़ज़ल - अरशद रसूल
अरकान : फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1122 1122 22 हर तरफ़ रंज है, आलाम है, तन्हाई है, ज़िंदगी आज तू किस मोड़ पे ले आई ह…
जो बचाना चाहते हो बच भी जाएगा मगर - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 212 जो बचाना चाहते हो बच भी जाएगा मगर, एक दिन मौसम सुहाना दिल जला…
कोई ख़ुशबू, कोई साया, याद आया रात भर - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 212 कोई ख़ुशबू, कोई साया, याद आया रात भर, जाने किसकी, याद ने हमको …
ख़ुश्क तबियत हरी नहीं मिलती - ग़ज़ल - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 212 212 1222 ख़ुश्क तबियत हरी नहीं मिलती, और फिर रसभरी नहीं मिलती। लोग कहते कि चाँदनी देखो, …