संदेश
हम हिन्द के वीर जवान - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार
हम हिन्द के वीर जवान, हमारा क्या कहना। नहीं कोई हमारे समान, हमारा क्या कहना।। नहीं किसी से डरते हैं हम, सदा आगे को बढ़ाते क़दम, ना रोक स…
देशभक्ति - गीत - दीपा पाण्डेय
खड़ा हिमालय नतमस्तक-सा मौन सदृश सब देख रहा, नदियों के पावन जल-कण में वीरों का स्वर गूँज रहा। देश की रक्षा की ख़ातिर तुम देशभक्त कहलाते ह…
वीर जवान - कविता - तेज देवांगन
बादल गरजे, बिजली चमके, ख़ून जमे या स्वेद बरसे, खड़े वो सीना तान है, मेरे देश के वीर जवान है। हाँ मेरे देश के वीर जवान है।। गोली की बौछा…
देश के दहलीज़ पर चलें - कविता - प्रहलाद मंडल
जिन मिट्टी के हैं उगे फ़सल हम उन मिट्टी के होने चले, मैं चला उसे रोकने जो देश के दहलीज़ पर आकर हैं खड़े। खेतों से कभी आवाज़ें दे पिताजी …
हारना हमको नहीं गवारा - कविता - गणपत लाल उदय
जिगर में हमारे आग हम रखते, बाँधे है कफ़न काल से न डरते। दहाड़ मारकर शिकार है करते, शेरों बीच रहे किसी से न डरते।। कठिनाइयों का गहरा हो …
हवलदार है हम - कविता - गणपत लाल उदय
कई कहानियों का किरदार है हम, और पैसे से एक हवलदार है हम। भारतीय सेना की पतवार है हम, चार्ज होल्डर व चौकीदार है हम।। सेना पुलिस या पैर…
जय जवान जय किसान - कविता - रुखसाना सुल्तान
अँधेरों में उजाले की बात करता है किसान, रात दिन मेहनत करके उगाता है धान। किसान है हमारे अन्नदाता, जवान है देश के विधाता। उनकी दिल से क…