वीर जवान - कविता - तेज देवांगन

बादल गरजे, बिजली चमके,
ख़ून जमे या स्वेद बरसे,
खड़े वो सीना तान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।

गोली की बौछार पे देखो,
बहते लहू की धार पे देखो,
खड़े वो सीना तान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।

मन में दफ़न वो सारे क़र्ज़,
लगे गोली या कोई मर्ज़,
रखे वो देश का मान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।

ग्लेशियर की छाती चीर,
दुश्मन से भी रखे ना पीर,
करते नहीं जो ज़रा अभिमान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।

तेज देवांगन - महासमुन्द (छत्तीसगढ़)

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