गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)
हवलदार है हम - कविता - गणपत लाल उदय
शुक्रवार, मार्च 12, 2021
कई कहानियों का किरदार है हम,
और पैसे से एक हवलदार है हम।
भारतीय सेना की पतवार है हम,
चार्ज होल्डर व चौकीदार है हम।।
सेना पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्स,
अहम् स्तम्भ सबका होता ये रैंक।
हेड़कांस्टेबल, दीवान एवं सार्जेंट,
हवलदार भी कहते है यही रैंक।।
मातृभूमि के हम है ऐसे रखवाले,
महसूस करो कोई हमारे ये छाले।
शरहद की रक्षा करते है मतवाले,
चाहे बादल छा रहे हो घने काले।।
ख़ुद डूबकर नौका ये बचाने वाले,
सूरज के समान चमकदार है हम।
शरहद की रक्षा में मरमिटने वाले,
देश के निष्ठावान पहरेदार है हम।।
मिटाना है भारत से अब उग्रवाद,
डयूटी देते हम बनकर ईमानदार।
समझते है सभी के हम जज़्बात,
परख लेते हम कौन है गुनाहगार।।
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