संदेश
उफ़ ये बेटियाँ - गीत - शमा परवीन
उफ़ ये बेटियाँ, मासूम सी ये बच्चियाँ, आरज़ूओं से दिलेर हैं, समाज से तंग ये बेटियाँ, गुलाब की ये पंखुड़ियाँ, उफ़ ये बेटियाँ। आँसूओं की …
सुनो लड़कियों - कविता - अर्चना सिंह बोद्ध
तुम्हें बनना है सावित्री जो खेलने की उम्र में निकल पड़ी थीम तुम्हारे लिये स्कूलों के ताले खोलने, जिन्हें जड़ा था धर्म के ठेकेदारों ने। व…
वो लड़की - कविता - प्रशान्त 'अरहत'
वो लड़की जिससे मेरे दिल का था कारोबार चला करता। वो लड़की जिससे मिलकर मन उपवन मेरा खिला करता। वो लड़की जब कुछ कहती तो बातों से फूल बरसते थ…
क्योंकि वो एक लड़की थी - कविता - विजय गोदारा गांधी
वो जन्म से पहले ही मार दी गई, क्योंकि वो एक लड़की थी। ज़िंदगी जीने की तमन्ना उसकी भी बहुत थी, मगर किसी ने उसे जिंदगी दी ही नही। पढ़-लिखकर…
फ़र्क़ - कविता - डॉ. कुमार विनोद
लड़कियों के पैदा होने व बाप के लिए चिंता का बीज बोनेकी वजह समाज द्वारा खाद पानी दहेज के रुप में जड़ों में डाला जाना है क्योंकि जड़…
पहचान मुझे मैं कौन हूँ - कविता - सुगन
सदियों से मैं मौन हूँ , पहचान मुझे मैं कौन हूँ । लक्ष्मी हूँ पार्वती भी हूँ , अन्नपूर्णा भी तो मैं ही हूँ । शिव के अर्धांग में समायी …
नारी वह बिदूसी - कविता - बुद्धदेव बाघ
वो अबला नहीं सबला है नारी दुर्गा अब्तारी है जंजीर तोड़के बंधन के इतिहास की अनसुनी गाथा है... झांसी की वह लक्ष्मी बाई है …