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ओ राधा रानी - गीत - डॉ॰ मान सिंह
ओ राधा रानी तेरा श्याम तके तेरी राह, तू आजा उन्हीं गलियों में। मैं कदम्ब की डाल पे बैठा मुरली मधुर बजाऊँगा, तेरे नाम की माला लेकर पल-प…
सखी रे चल पनघट की ओर - कविता - सुशील कुमार
सखी रे चल पनघट की ओर, वाट निहारत आज वहाँ पर यशुदा नन्दकिशोर। पानी भरन बहाने आई लेकर मटकी हाँथ, राह अकेले में डर लागे तू भी चल मेरे सा…
श्याम से - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्याम के भक्तों ने कह डाला है अब तो श्याम से, राधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से। श्याम के भक्तों ने कह डाला है अब तो श्याम से॥ ज…
एक मीरा एक राधा - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
पागल हुआ है मन, श्यामल की माया में, भूख प्यास सुध नहीं अब तो, भक्ति सुहाई रे। एक मीरा एक राधा दोनों, प्रेम दीवानी हैं, छोड़ जग मोह …
प्रेम की पराकाष्ठा - कविता - शिवचरण सदाबहार
(राधा कृष्ण से) सारा जीवन राधा-राधा पर रिश्ता बेनाम रहा, तड़पी मैं रैन दिवस पर विमुख मुरली वाला श्याम रहा, नंद का तुझ पर ख़ूब दुलार रहा…
मोहन - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
मोहन! मुरली से प्रीत तुम्हारी अगाध अनन्त हुई कैसे? प्रीत में पागल मीराबाई मन से सन्त हुई कैसे? राधा ने दुनियादारी त्यागी और तुम्ही को …
राधा नाचें श्याम मन - कुण्डलिया छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
राधा नाचें श्याम मन, श्याम सार संसार। मुरली मुरली में समा, नाचें पालनहार॥ नाचें पालन हार, सभी मन मोह लुभावे। मुरली की है तान, सार संसा…