राधा नाचें श्याम मन, श्याम सार संसार।
मुरली मुरली में समा, नाचें पालनहार॥
नाचें पालन हार, सभी मन मोह लुभावे।
मुरली की है तान, सार संसार नचावे॥
कहें बेधड़क बंधु, मेरु मनमोहन प्यारो।
जग में सबसे भिन्न, जसोदा नंद दुलारो॥
भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क' - लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)