संदेश
मन का कोरा पन्ना - कविता - राकेश कुशवाहा राही
बरसों से मन का कोरा पन्ना कोरा ही रह गया, शायद मोहब्बत को मेरा पता भूला ही रह गया। सुना है लिखने के लिए दर्द का होना ज़रूरी है, सोचकर य…
नवजोत उमंगें हर पल मन - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
नवजोत उमंगें हर पल मन, उल्लास नवल हो जाता है। नव ध्येय भोर कर्त्तव्य किरण, विश्वास सबल बन जाता है। नित नवल सोच नव शोध सुपथ, उन्मुक्त उ…
सुलझता मन - कविता - मेहा अनमोल दुबे
सुलझता मन मेरा– उलझनो में, उलझते-उलझते बहुत उलझ गई ज़िंदगी। ज़िंदगी "ज़िंदगी" नहीं उलझा माँझा लगती है कभी-कभी। न ख़्वाहिश न उम…
मन भाव विह्वल - कविता - सीमा वर्णिका
प्रस्तर हृदय में कैसी यह है हलचल, क्यों तुमसे मिल मन आज भाव विह्वल। बंजर ज़मीं सा उजड़ा हुआ मन का चमन, प्रिय विरह में सुलगती थी मन में …
सशंकित-चित्त - कविता - प्रवीन 'पथिक'
चिर परिचित दो आँखें, मुझे अपनी ओर बुलाती हैं। पास जाता तो, छुप जाती अँधेरी दीवारों के बीच। एक आहट, जिन्हे रोज़ महसूस करता हूँ। रात्रि क…
मन - कविता - अतुल पाठक 'धैर्य'
गूँगे मन ने आज पुकारा है तुमको, मन जीतने के लिए हारा है ख़ुद को। मन कविता करता मर्मस्पर्शी, मन भाव निकलते जादुईस्पर्शी। मन की कल्पना दि…
मेरा मन - कविता - आर्तिका श्रीवास्तव
रोशनी की हर एक किरण को भेदता सा मेरा मन, रात के अँधियारे को बस चीरता सा मेरा मन। है नहीं मालूम कैसे चल रही है श्वास यह, इन श्वास की गह…