संदेश
पत्थर में भगवान - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
ये महज़ विश्वास है कि पत्थर में भगवान है, परंतु यही विश्वास हमें बताता भी है भगवान कहाँ है? तभी तो हम मंदिर, मस्जिद गिरिजा, गुरुद्वारों…
तब भगवान याद आते - कविता - रमाकांत सोनी
सारे रास्ते बंद हो जाए, कोई राह नजर ना आए, अपने सब बेगाने लगते, जीवन अंधकारय हो जाए। कुछ भी अच्छा लगे ना जब, मन के सुख चैन खो जाते,…
मुझे मत कहना - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
मेरा बालक मुझसे कहने लगा पापा मुझे राम मत कहना क्योंकि मैं किसी धोबी के कहने से अपनी पत्नी को नही त्यागूँगा। पापा मुझे शिवशंकर भी मत …
भगवान - लघुकथा - दिलशेर "दिल"
"भैया, कछु नईंऐं कोरोना-वोरोना! सब कमाई को धंधों बना लओ डॉक्टरन ने। हल्को सो खाँसी ज़ुकाम भओ नईं कि ठूस दओ कोरनटाईन में।…
मैंने भी भगवान देखा है - कविता - मयंक कर्दम
तुम में एक सच्चा इंशान देखा हैl या यूं कहूं, मैंने भी भगवान देखा हैll तेरी हंसी मूक को भी प्रेरणा देती हैl ओर सूरत अंधे को चमक…
पिता आप भगवान - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
आनंदित निज पूत पा , किया समर्पित जान। पिता त्याग सुख शान्ति को ,पूरण सुत अरमान।।१।। लौकिक झंझावात को , पिता सहे चुपचाप।…
अन्न दाता भगवान - लोकगीत - समुन्दर सिंह पंवार
दिन रात मेहनत करकै अन्न उगावे बेअनुमान बार बार प्रणाम तनै मेरा अन्नदाता भगवान गर्मी सर्दी सहता है तू सहता भूख और प्यास एक दिन क…