मैंने भी भगवान देखा है - कविता - मयंक कर्दम

तुम में एक  सच्चा  इंशान देखा हैl
या यूं कहूं, मैंने भी भगवान देखा हैll

तेरी हंसी मूक को भी प्रेरणा देती हैl
ओर सूरत अंधे को चमक देती हैll

हाँ  तुम में मैंने पूरा जहान  देखा हैl
या यूं कहूं, मैंने भी भगवान देखा हैll

शहाजाहं  का ताज भी सरमाता हैl
ओर चाँद भी तुम पर बरसता हैll

हाँ   तुझ में छुपा मैंने रहमान देखा हैl
या यूं कहूं, मैने भी भगवान देखा हैll

कोयल की तरह  मिठास रखता हैl
समुन्द्र से प्रेम की प्यास  रखता हैll

हाँ  मैंने भी नया महमान देखा हैl
या यूं कहूं, मैने भी भगवान देखा हैll

तेरे प्रताप के  आगे सिंह डरता हैl
ओर चाँद भी तेरे कदम चूमता हैll

हाँ मैंने तुझमे ही आसमान देखा हैl
या यूं कहूं, मैने भी भगवान देखा हैll

मयंक कर्दम - मेरठ (उत्तर प्रदेश)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos