संदेश
श्रीराम वनवास - मुक्तक - संजय परगाँई
सुनो अवधेश तन मन में, सदा रघुकुल धरोगे तुम, दिया जो था वचन तुमने, उसे पूरा करोगे तुम। यही बस माँगती तुमसे, कहे ये आज कैकेयी, भरत को सौ…
हे राम! - कविता - प्रवीन 'पथिक'
हे राम! तुम्हारे जीवन की झाँकियाॅं, मेरे अंतर्मन को रुदन जल से अभिसिंचित कर, कृतार्थ करती है, जो मुझे पुण्य मार्ग के तरफ़ प्रवृत्त करती…
जय श्री राम - कविता - केशव सैनी
लहराए भगवा, बाजै मृदंग जलाए दीप, गाजै गगन करोड़ो कुसुम लिए मधुर मुस्कान राजीवलोचन मेरे नयनाभिराम सत्य, संकल्पित, स्वर्णिम नाम जय श्री …
अखिल विश्व के स्वामी राम - गीत - सुशील शर्मा
अखिल विश्व के स्वामी राम, भक्तों के अनुगामी राम। माँ कौशल्या के राजदुलारे, कैकई माता के हैं प्यारे। नेह भरी सुमित्रा माई, लखन शत्रुघ्न…
मेरे श्रीराम आए हैं - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
चलें अयोध्या धाम मेरे श्रीराम आए हैं। सजे अवध सुखधाम, किशोरी श्याम आए हैं। ख़ुशियाँ फैली अविराम, लखन सत्काम आए हैं। भरत लाल हनुमान, …
जन-जन के आराध्य राम हो गए - कविता - मयंक द्विवेदी
कौशल्या के लाल, रघुकुल भाल, जनक दुलार, कैसे षडयन्त्र का शिकार हो गए, अपने ही घर बेदख़ल निकाल हो गए। शबरी के राम, केवट प्रणाम, करे बार-ब…
आज घर-घर दिए फिर जलाएँगे हम - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
खिल उठे दिल, पड़े श्रीराम के क़दम, आज घर-घर दिए फिर जलाएँगे हम। आपका शुभ दरस पा गए आज हम, आज सार्थक हुआ है ये मेरा जनम। आज घर-घर दिए फिर…