मेरे श्रीराम आए हैं - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सोमवार, जनवरी 22, 2024
चलें अयोध्या धाम मेरे श्रीराम आए हैं।
सजे अवध सुखधाम, किशोरी श्याम आए हैं।
ख़ुशियाँ फैली अविराम, लखन सत्काम आए हैं।
भरत लाल हनुमान, रघुवर अभिराम आए हैं।
सरयू तट मुस्कान, कौशलेन्द्र बिराजे हैं।
कर शोभित धनुष बाण, रघुनंदन नवाजे हैं।
साकेत पुरी सुनाम, सीताराम आए हैं।
परमानंद श्रीराम, अवध बिहारी आए हैं।
सजी अयोध्या धाम, जानकी राम आए हैं।
खिली संत मुस्कान, राष्ट्र स्वाभिमान आए हैं।
है प्राण-प्रतिष्ठा राम, आज देश प्रधान आए हैं।
जय कार चहुँ श्रीराम, बजरंगी साथ आए हैं।
बना स्वर्णिम इतिहास, दशरथ सन्तान आए हैं।
पाँच सौ वयस संघर्ष, बाद राम लला बिराजे हैं।
खिल अवध प्रगति चहुँओर, फिर राजाराम आए हैं।
शत्रुघ्न भरत अविराम, सेवित श्रीराम आए हैं।
नववधू अयोध्या आज, विभव कीर्ति सुहाए हैं।
रामलला विराजमान, आस्था श्याम आए हैं।
अभिनंदन स्वागत वाम, सिया सुखधाम आए हैं।
बोलो जय जय अभिराम, मेरे श्रीराम आए हैं।
हो आज कहाँ विश्राम, कौशल्या लला पधारे हैं।
दुनियाँ मानव कल्याण, सांस्कृतिक धाम लाए हैं।
बढ़ विश्व पटल सम्मान, राम लला जय गाए हैं।
चलें अयोध्या धाम मेरे श्रीराम आए हैं।
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