संदेश
वे बच्चे - कविता - सोनू यादव
वे बच्चे जिन्हें मैं दूर से ही देख रहा हूँ एक टक अपनी झिलमिलाती आँखों से, अपने ही घर के सामने बाग़ के एक पेड़ की टहनियों पर चढ़ते औ’ फ…
हम हैं छोटे-छोटे बच्चे - कविता - राहुल भारद्वाज
हम हैं छोटे-छोटे बच्चे, त्यौहार हमें लगते हैं अच्छे। स्कूल में पड़ जाते हैं अवकाश, दिन होते हैं वो कितने ख़ास॥ पढ़ने की कोई चिंता नहीं,…
एक गुड़िया सी लड़की - कविता - रमाकान्त चौधरी
एक गुड़िया सी लड़की घर में, बातें बहुत बनाती है, है नटखट शैतान बहुत, पर सबके दिल को भाती है। घर भर को है ख़ूब रिझाती, अपनी मीठी बोली …
भीख माँगते बच्चे - कविता - रविन्द्र कुमार वर्मा
कुछ भीख माँगते बच्चों से, मैं शर्मिंदा हो जाता हूँ, कभी देता हूँ या नहीं देता, दोनों ही दफ़ा पछताता हूँ। निर्जीव सा चेहरा होता है, सुखे…
ऐसा मैं नन्हा कलाम हूँ - बाल गीत - भगवत पटेल 'मुल्क मंजरी'
दुनियाँ मुझको याद करे ऐसा मैं नन्हा कलाम हूँ। खेल, खिलौने, कन्चे, गेंद, मुझको लगते प्यारे। फूलों के संग तितली रानी, भौरे कितने न्यारे।…
बच्चे - कविता - सतीश श्रीवास्तव
सुबह सुबह जब हो जाती है सब बच्चों से बात, लगता है सचमुच मिल जाती एक बड़ी सौगात। मन होता बेचैन घेरतीं जब भी दुख दुविधाएं, बच्चे दि…
वह मेरे नयनों के तारे है - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
वह मेरे नयनों के तारे । जो मेरे दो लाल दुलारे । वह गुरूर हैं अपनी मां के । पापा के वह राज दुलारे । एक अगर है सूरज जैसा। दूजा…